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  • मुख्यमंत्री ने ‘भारत में पशु नस्लों का विकास कार्यशाला’ का शुभारम्भ किया
Written by Vipin MittalJuly 12, 2025

मुख्यमंत्री ने ‘भारत में पशु नस्लों का विकास कार्यशाला’ का शुभारम्भ किया

Breaking news Article

मुख्यमंत्री ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के अमेठी, बरेली एवं मथुरा प्रोजेक्ट्स तथा कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान, गोरखपुर का उद्घाटन किया

प्रजनक संघों की स्थापना की रूपरेखा विषय पर आधारित पुस्तिका का विमोचन

अन्नदाता किसानों की खुशहाली और समृद्धि के बिना देश में खुशहाली व समृद्धि की कल्पना भी नहीं की जा सकती : मुख्यमंत्री

भारत में कृषि और पशुपालन क्षेत्र एक दूसरे से अन्योन्याश्रित सम्बन्ध रखते

विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कृषि और पशुपालन क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण एवं सराहनीय कार्य किये गए

डबल इंजन सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप उ0प्र0 दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर

प्रदेश सरकार मिल्क प्रोड्यूसर इकाइयों को प्रोत्साहन देने का कार्य कर रही, वर्तमान में राज्य में 05 मिल्क प्रोड्यूसर इकाइयां क्रियाशील

प्रदेश में निराश्रित गोवंश से सम्बन्धित 03 योजनाएं संचालित योजनाओं के माध्यम से गोवंश संरक्षण और संवर्धन का कार्य किया जा रहा

प्राकृतिक जीवन जीने के लिए प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण, गोवंश उसमें बड़ी भूमिका निभा सकता

माँ गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों के 27 जनपदों में प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए गये

मत्स्य उत्पादन में उ0प्र0 अग्रणी राज्यों में सम्मिलित, अण्डा उत्पादन तथा कुक्कुट पालन में उ0प्र0 ने बड़ी छलांग लगायी

प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से देव नदी गंगा को नया जीवन प्रदान किया

गंगा जी की अविरल और निर्मल धारा में महाकुम्भ-2025 ने ऊँचाइयों को प्राप्त किया

पशुपालकों ने पशुधन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यां के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया

प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘भारत में पशु नस्लों का विकास कार्यशाला’ का शुभारम्भ किया जा रहा : केन्द्रीय पंचायतीराज तथा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री

लखनऊ : 12 जुलाई, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। अन्नदाता किसानों की खुशहाली और समृद्धि के बिना देश में खुशहाली व समृद्धि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भारत में कृषि और पशुपालन क्षेत्र एक दूसरे से अन्योन्याश्रित सम्बन्ध रखते हैं। विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण एवं सराहनीय कार्य किये गए हैं। डबल इंजन सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री जी के विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत विजन के अनुरूप आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर पशुधन, मत्स्य पालन, डेयरी के क्षेत्र में पशुपालकों, अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग एवं पशुधन विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘भारत में पशु नस्लों का विकास कार्यशाला’ का शुभारम्भ करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के अमेठी, बरेली एवं मथुरा प्रोजेक्ट्स तथा कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान, गोरखपुर का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रजनक संघों की स्थापना की रूपरेखा विषय पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालकों ने पशुधन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यां के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपने अनुभव साझा किये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार पशुओं की खुरपका एवं मुँहपका जैसी आदि बीमारियों से निपटने के लिए टीकाकरण के माध्यम से प्रभावी कार्यवाही कर पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य कर रही है। इन बीमारियां के टीकाकरण के संतृप्तीकरण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रदेश सरकार मिल्क प्रोड्यूसर इकाइयों को प्रोत्साहन देने का कार्य कर रही है। वर्तमान में राज्य में 05 मिल्क प्रोड्यूसर इकाइयां क्रियाशील हैं। इनमें झांसी, गोरखपुर, आगरा तथा वाराणसी आदि इकाइयां सम्मिलित हैं। प्रदेश की दुग्ध समितियां आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरन्तर आगे बढ़ रही हैं। इन दुग्ध समितियों के माध्यम से लाखां महिलाएं रोजगार प्राप्त कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित गो-आश्रय स्थल की कार्ययोजना को वर्ष 2018 में लागू किया गया। वर्तमान में 14 लाख से अधिक गोवंश की देखभाल सरकार की गौशालाओं के माध्यम से या सरकार द्वारा सहायता प्राप्त पशुपालकों द्वारा की जा रही है। प्रदेश में निराश्रित गोवंश से सम्बन्धित 03 योजनाएं संचालित हो रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से गोवंश संरक्षण और संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। प्रथम योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार निराश्रित गो-आश्रय स्थलों के माध्यम से 12 लाख से अधिक निराश्रित गोवंश की देखभाल करती है। दूसरी स्कीम सहभागिता योजना के माध्यम से संचालित की जा रही है। इसके अन्तर्गत किसी पशुपालक को सरकार द्वारा 04 गोवंश प्रदान किये जाते हैं। इन गोवंश की देखभाल के लिए प्रत्येक माह 1500 रुपये प्रति गोवंश प्रदान किये जाते हैं। इस योजना के तहत 01 लाख 25 हजार पशुपालकों द्वारा 02 लाख से अधिक पशुधन की देखभाल की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तीसरी योजना के अन्तर्गत कुपोषित परिवारों को निराश्रित गो-आश्रय स्थलों से एक-एक दुधारू गाय उपलब्ध करायी गयी है। इन परिवारों को गोवंश की देखभाल के लिए प्रति गोवंश 1500 रुपये की धनराशि भी उपलब्ध करायी जाती है। अब तक 10 हजार से अधिक कुपोषित परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश में गो-सेवा आयोग निराश्रित गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्था ठीक रखने तथा गोवंश की नस्ल सुधारने के अभियान को आगे बढ़ा रहा है। गो-सेवा आयोग को पशुपालकों व अन्नदाता किसानों को प्रशिक्षित करने की भी जिम्मेदारी सांपी गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड के अत्यधिक प्रयोग से कैंसर, किडनी खराब होने जैसी बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड के अत्यधिक प्रयोग के दुष्परिणाम हम सबके समक्ष दिख रहे हैं। यह केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड बरसात में बहकर नदियों को भी प्रदूषित करता है। यह रसायन जीव-जन्तुओं के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी हानिकारक होते हैं। इन चुनौतियों का सामना सबको मिलकर करना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राकृतिक जीवन जीने के लिए प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक खेती गो-आधारित खेती होती है, गोवंश उसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। उत्तर प्रदेश के 27 जनपद माँ गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित हैं। इन 27 जनपदों में प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए गये हैं। भारत सरकार ने भी इस कार्यक्रम को अपनी मंजूरी प्रदान की है। बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों में भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह विशुद्ध रूप से गो-आधारित खेती है। यह कार्यक्रम अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगा। यदि किसानों की आमदनी बढ़ेगी, तो देश अवश्य समृद्धि के नये सोपान प्राप्त करेगा। आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्पों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मत्स्य उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है। आज से 10 वर्ष पूर्व इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। अण्डा उत्पादन तथा कुक्कुट पालन में भी उत्तर प्रदेश ने बड़ी छलांग लगायी है। प्रदेश में गोरखपुर, कानपुर तथा कन्नौज की डेयरी के सम्बन्ध में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है। एन0डी0डी0बी0 अम्बेडकरनगर के चारा उत्पादन केन्द्र के विकास का भी कार्य करेगा, जिसके माध्यम से पशुपालकों को अच्छा चारा उपलब्ध हो सकेगा।
प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से देव नदी गंगा को नया जीवन प्रदान किया। उन्होंने गंगा जी की स्वच्छता के भागीरथ प्रयास को आगे बढ़ाने में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से सम्मान स्वरूप प्राप्त 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि नमामि गंगे परियोजना के लिए उपलब्ध करायी। गंगा जी की अविरल और निर्मल धारा में महाकुम्भ-2025 ने ऊँचाइयों को प्राप्त किया। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने माँ गंगा, माँ यमुना तथा माँ सरस्वती की त्रिवेणी के संगम में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय पंचायतीराज तथा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में आज यहां मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘भारत में पशु नस्लों का विकास’ कार्यशाला का शुभारम्भ किया जा रहा है। इस कार्यशाला को मुख्यमंत्री जी द्वारा समय देना पशुपालन के क्षेत्र में उनकी रुचि को दर्शाता है।
प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि ‘गावो राष्ट्रस्य मातरः, पशु सेवा अस्माकम् धर्मः’ वाक्य को मुख्यमंत्री जी ने चरितार्थ और कृतार्थ किया है। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए अनेक योजनाएं चलायी जा रही हैं। परिणामस्वरूप किसान समृद्धि के पथ पर अग्रसर होकर देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
कार्यक्रम में पशुपालन के विकास से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

अरुणाचल प्रदेश के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा, डेयरी विकास मंत्री श्री गेब्रियल डेनवांग वांगसू, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, केन्द्रीय सचिव पशुपालन और डेयरी सुश्री अल्का उपाध्याय, केन्द्रीय अपर सचिव पशुपालन और डेयरी सुश्री वर्षा जोशी, केन्द्रीय पशुपालन आयुक्त श्री अभिजीत मित्रा, प्रदेश के प्रमुख सचिव पशुपालन श्री अमित कुमार घोष सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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