
Written by Vipin MittalJune 15, 2025
सोने का भाव ‘1 लाख’ से ऊपर जाना :
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सोने का भाव ‘1 लाख’ से ऊपर जाना :
- अन्य निवेशों पर अविश्वास और आर्थिक अनिश्चितता का प्रतीक है।
- ये देश और व्यापार के लिए अच्छा नहीं है।
- इन हालातों में सरकार क़ानून-व्यवस्था और पुलिसिंग पर विशेष ध्यान दे।
- क्योंकि इससे सोने की राहजनी, छिनैती, चोरी व लूट जैसे अपराध बढ़ेंगे ख़ासतौर से तब जब देश-प्रदेश में बेरोज़गारी चरम पर है।
- उप्र में पिछले कुछ महीनों में सोने-चाँदी की दुकानों में लगातार डकैती और चोरी की वारदातें बढ़ी हैं, अतः सुरक्षा की समीक्षा के लिए सोने-चाँदी के व्यापारियों के संगठनों के साथ नियमित बैठकें की जाएं।
- रात में सर्राफ़ा बाज़ारों की विशेष पेट्रोलिंग हो और सीसीटीवी की व्यवस्था की नियमित चेकिंग हो।
- निजी सुरक्षा गार्ड व घरों में काम करनेवालों की नियुक्तियों में उनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि की गंभीर जाँच हो, जिससे अपराधी प्रवृत्ति के लोग गार्ड, ड्राइवर या सहायक बनकर सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी न कर सकें।
- हाल के कुछ सालों में बैंकों के लॉकरों से भी आम जनता का सोना चोरी हुआ है, इसीलिए बैंकों की सुरक्षा के लिए भी अतिरिक्त व्यवस्था की जाए।
- आम जनता से भी सजग रहने की अपील की जाए।
- शादी समारोह स्थलों व शादी-गृहों, होटलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए।
- पुलिसकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए नियमित भर्ती जैसे दूरगामी क़दम भी उठाए जाएं क्योंकि भाजपा राज में जब 3-4 सालों में भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी, तब तक 50-60 हज़ार पुलिसकर्मी रिटायर हो चुके होंगे तो पुलिसकर्मियों की कमी फिर वहीं की वहीं रह जाएगी।
- ___________राष्ट्रीय अध्यक्ष समाज वादी पार्टी सांसद श्री अखिलेश यादव (पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश )
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