*सत्य यह भी है, अर्णब गोस्वामी को 500 करोड़ रुपए दिला कर चैनल खुलवाया गया है, यह सब चीजें ऑन राइटिंग कागजों में है। जब अर्णव गोस्वामी को 500 के ऊपर दिए गए हैं तो अन्य चैनलों की कितनी खिदमत की गई है आप समझ सकते हैं। इसलिए अब चैनलों की ओबी वैन वही जाती हैं जहां सरकार का इशारा होता है।*

*सरकार इधर-उधर के कार्यकर्ताओं को भेजकर आंदोलनकारियों का विरोध करती है। यह नारा लगाया जाता है मोदी जी तुम लठ बजाओ हम तुम्हारे साथ हैं। दिल्ली पुलिस लठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं। एक नया परिदृश्य देखने को मिल रहा है।*

*मैं जब 27 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा तो मैंने देखा वहां पांच राष्ट्रीय चैनलों की ओवी वैन खड़ी हुई थी।*

*मैंने अपने साथी पत्रकारों से कहा आज यहां कुछ होने वाला है, कुछ गड़बड़ झाला है क्योंकि जब मात्र हजार दो हजार किसान रह गए तो फिर यहां इन लाइव टेलीकास्ट ओवी वैनो का क्या काम है।*

*देखते ही देखते थोड़ी देर बाद 500 गुंडे पुलिस के साथ लाठी-डंडों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे। भारी मात्रा में पैरामिलिट्री फोर्स, यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस वहां लगाई गई। सारा खेल किसानों को लाठी-डंडों से पीटकर भगाने का था उसे लाइव टेलीकास्ट करके दिखाना था ताकि पूरे देश में, कभी सरकार के खिलाफ कोई आंदोलन करने की हिम्मत ना कर सके।*

*लेकिन चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह ने जब डीएम गाजियाबाद को धमकाया अगर हाथ भी लगा दिया तो पूरब पश्चिम उत्तर प्रदेश जल उठेगा, सभी थाने सभी डीएम ऑफिस सभी एसपी ऑफिस रातो रात जला दिए जाएंगे। आग से खेलने का काम ना करो।*

*आपने बागपत में रात के 2:00 बजे किसानों के साथ मारपीट करके उन्हें भगाया है, गांव-गांव में इस बात को लेकर रोष है उसके बाद सारी बात डीएम गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बताए।*

*योगी जी ने आनन-फानन में पुलिस फोर्स वापसी के आदेश दिए जैसे ही यूपी पुलिस गाजीपुर बॉर्डर से वापस जाने लगी यह तमाशा देख कर दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी मैदान छोड़कर पतली गली से निकलते हुए नजर आए।*

*उसके बाद वह ओवी वैन भी आनन-फानन में, जो वहां से लाइव टेलीकास्ट दिखाने गई थी सब भाग गए।*

*राकेश टिकैत को रोता हुआ दिखाना टेलीविजन पर, पुलिस प्रशासन और भारत सरकार के लिए बहुत महंगा पड़ा।*

*इसकी जगह जगह प्रतिक्रिया हुई लाखों किसान मुजफ्फरनगर में पंचायत में इकट्ठा हो गया और हजारों किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे।*

*रात 11:00 बजे से ट्रैक्टरों पर किसानों के समूह के समूह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और सुबह तक वहां सारा परिदृश्य बदल गया।*

*अब मथुरा सहित बिजनौर, हरियाणा के सभी जिले, पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में खाप पंचायतों की मीटिंग हो रही है सभी किसानों को समर्थन कर रहे हैं और ईट से ईट बजाने की तैयारी में किसान जुट गए हैं।*

*जो मीडिया सरकार के इशारे पर खबरें दिखाता है, उसे कोई कैसे स्वीकार कर लेगा। इसलिए इस किसान आंदोलन ने चैनल मीडिया को जमींदोज कर दिया है और सोशल मीडिया पर सच्चाई दिखाई दे रही है। वीडियो न्यूज़ का मतलब जो हो रहा है उसका वीडियो दिखाइए यही वीडियो न्यूज़ है।*

*यही चैनल है जबकि चैनल वाले न्यूज़ रूम में बैठकर बकवास करते रहते हैं धरातल पर वह जा नहीं सकते पिटने पीटाने का डर रहता है। माइक आईडी भी नहीं लाते उसके बावजूद भी आंदोलनकारी लोग एवं पब्लिक उन्हें वहां से भगा देती है। नारे लगते हैं सरकारी दलाल वापस जाओ, गोदी मीडिया वापस जाओ, मोदी मीडिया वापस जाओ, यही सच्चाई है।*

साभार

श्री सत्यम श्रीवास्तव की कलम से
*प्रधान संपादक*
*TNI News agency*

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