तेजस स्मार्ट कोच निवारक से अनुमानित रखरखाव की ओर बदलाव का संकेत
“यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव में सुधार के उद्देश्य से लंबी दूरी के सफर के लिए तेजस कोच का उपयोग एक बड़े बदलाव का उदाहरण है”
नई दिल्ली 19 जुलाई।
मुंबई राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में पेश किए गए नए अपग्रेड किए गए तेजस जैसे स्लीपर कोच
पश्चिम रेलवे ने नए अपग्रेड किए गए तेजस स्लीपर कोच रैक पेश किए हैं, जिससे ज्यादा आराम के साथ ट्रेन यात्रा अनुभव के एक नए दौर का पता चलता है। ज्यादा अच्छी खूबियों के साथ चमकीले सुनहरे रंग के कोच पश्चिम रेलवे द्वारा परिचालित प्रतिष्ठित मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में पेश किए जा रहे हैं और इस तरह अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ यात्रा अनुभव देने का दावा किया जा सकेगा। इस नई रैक का आज, 19 जुलाई, 2021 को पहली बार परिचालन हुआ।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर ने कहा, “तेजस स्मार्ट कोच के इस्तेमाल से, भारतीय रेल का उद्देश्य निवारक रखरखाव के बजाय अनुमानित रखरखाव की ओर बढ़ना है। लंबी दूरी के सफर के लिए इस आधुनिक तेजस स्लीपर टाइप ट्रेन की पेशकश, भारतीय रेल द्वारा यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव में सुधार के लिए बदलाव का एक अन्य उदाहरण है।” उन्होंने यह भी कहा कि तेजस टाइप स्लीपर कोच का निर्माण मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) में किया गया है, जो धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क की प्रीमियम लंबी दूरी की ट्रेनों की जगह ले लेंगे।
पश्चिम रेलवे की सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित और प्रीमियम ट्रेनों में से एक ट्रेन संख्या 02951/52 मुंबई- नई दिल्ली राजधानी स्पेशल एक्सप्रेस की मौजूदा रैक को बिल्कुल नए तेजस टाइप स्लीपर कोचों से बदला जा रहा है। राजधानी एक्सप्रेस के रूप में संचालन के लिए दो तेजस टाइप स्लीपर कोच रैक तैयार कर दी गई हैं। इन दोनों रैक में से, एक रैक में विशेष तेजस स्मार्ट स्लीपर कोच शामिल हैं, जो भारतीय रेल में पेश होने वाली अपनी तरह की पहली ट्रेन है। स्मार्ट कोच का उद्देश्य इंटेलिजेंट सेंसर-आधारित सिस्टम की मदद से यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है। यह जीएसएम नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ प्रदान की गई यात्री सूचना और कोच कम्प्यूटिंग यूनिट (पीआईसीसीयू) से लैस है, जो रिमोट सर्वर को रिपोर्ट करता है। पीआईसीसीयू डब्ल्यूएसपी, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, टॉयलेट गंध सेंसर, पैनिक स्विच और आग का पता लगाने और अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत अन्य वस्तुओं, वायु गुणवत्ता और चोक फिल्टर सेंसर और ऊर्जा मीटर का डेटा रिकॉर्ड करेगा। श्री ठाकुर ने बताया कि तेजस स्मार्ट कोच के उपयोग के साथ, भारतीय रेलवे का लक्ष्य निवारक अनुरक्षण के बजाय भविष्यसूचक अनुरक्षण की ओर आगे बढ़ना है। लम्बी दूरी की यात्रा के लिए इस आधुनिक तेजस टाइप स्लीपर ट्रेन की शुरुआत, यात्रियों के यात्रा अनुभव को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा एक और आदर्श बदलाव है।
अतिरिक्त स्मार्ट विशेषताएं:
● पीए/पीआईएस (यात्री घोषणा/यात्री सूचना प्रणाली): प्रत्येक कोच के अंदर दो एलसीडी यात्रियों को यात्रा सम्बंधी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे अगला स्टेशन, शेष दूरी, आगमन का अपेक्षित समय, देरी और सुरक्षा सम्बंधी संदेश प्रदर्शित करेंगे।
● डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड: फ्लश टाइप एलईडी डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड प्रत्येक कोच पर प्रदर्शित डेटा को दो पंक्तियों में विभाजित करके स्थापित किया गया है। पहली पंक्ति ट्रेन संख्या और कोच प्रकार प्रदर्शित करती है जबकि दूसरी पंक्ति गंतव्य और मध्यवर्ती स्टेशन के स्क्रॉलिंग टेक्स्ट को कई भाषाओं में प्रदर्शित करती है।
● सुरक्षा और निगरानी: प्रत्येक कोच में छह कैमरे लगे हैं, जो लाइव रिकॉर्डिंग करते हैं। दिन-रात दृष्टि क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे, कम रोशनी की स्थिति में भी चेहरे की पहचान, नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर लगाये गये हैं।
● स्वचालित प्लग द्वार: सभी मुख्य प्रवेश द्वार गार्ड द्वारा केंद्रीकृत नियंत्रित हैं। जब तक सभी दरवाजे बंद नहीं हो जाते तब तक ट्रेन शुरू नहीं होती है।
● फायर अलार्म, डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम: सभी कोचों में ऑटोमैटिक फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम लगाये गये हैं। पेंट्री और पावर कारों में आग लगने का पता चलने पर स्वचालित अग्नि शमन प्रणाली कार्य शुरू कर देती है।
● आपातकालीन चिकित्सा या सुरक्षा जैसी आपात स्थिति में टॉक बैक पर बात की जा सकती है।
● बेहतर टॉयलेट यूनिट: एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग, जेल कोटेड शेल्फ, नए डिजाइन का डस्टबिन, डोर लैच एक्टिवेटेड लाइट, एंगेजमेंट डिस्प्ले के साथ लगाये गये हैं।
● शौचालय ऑक्यूपेंसी सेंसर: प्रत्येक कोच के अंदर शौचालय ऑक्यूपेंसी को स्वचालित रूप से प्रदर्शित किया जाता है।
● शौचालयों में पैनिक बटन: किसी भी आपात स्थिति के लिए इस बटन को प्रत्येक शौचालय में लगाया गया है।
● टॉयलेट एनुसिएशन सेंसर इंटेग्रेशन (टीएएसआई): प्रत्येक कोच में दो टॉयलेट एनुसिएशन सेंसर इंटीग्रेशन लगे हैं, जो उपयोग के समय ‘शौचालयों में क्या करें और क्या न करें’ की घोषणा को प्रसारित करेंगे।
● बायो-वैक्यूम शौचालय प्रणाली: बेहतर फ्लशिंग के कारण शौचालय में बेहतर स्वच्छता प्रदान करता है और प्रति फ्लश पानी भी बचाता है।
● स्टेनलेस स्टील अंडर-फ्रेम: पूरा अंडर-फ्रेम ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील (एसएस 201 एलएन) का है जो कम जंग के कारण कोच के जीवन को बढ़ाता है।
● एयर सस्पेंशन बोगियाँ: इन कोचों के यात्री आराम और सवारी की गुणवत्ता में सुधार के लिए बोगियों में एयर स्प्रिंग सस्पेंशन लगाया गया है।
● संरक्षा में सुधार के लिए बेयरिंग, व्हील के लिए ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम
● एचवीएसी – एयर कंडीशनिंग सिस्टम के लिए वायु गुणवत्ता माप
● वास्तविक समय के आधार पर पानी की उपलब्धता को इंगित करने के लिए जल स्तर सेंसर
● बनावट वाली बाहरी पीवीसी फिल्म: बाहरी बनावट में टेक्सचर्ड पीवीसी फिल्म के साथ उपलब्धता।
● बेहतर इंटीरियर: आग प्रतिरोधी सिलिकॉन फोम वाली सीटें और बर्थ यात्रियों को बेहतर आराम और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
● खिड़की पर रोलर ब्लाइंड: पर्दों के बजाय आसान सैनिटाइजेशन के लिए रोलर ब्लाइंड्स दिए गए हैं।
● मोबाइल चार्जिंग पॉइंट: प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है।
● बर्थ रीडिंग लाइट: प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है।
● अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सुविधा: सुविधाजनक अपर बर्थ व्यवस्था।
श्री ठाकुर ने बताया कि तेजस टाइप स्लीपर कोच मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) में निर्मित हो रहे हैं, जो धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क पर लम्बी दूरी की प्रीमियम ट्रेनों में लगाये जायेंगे।
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