अगर आप सपना देख सकते हैं, तो आप सपना साकार भी कर सकते हैं: श्री अनुराग सिंह ठाकुर

नई दिल्ली 3 अगस्त।
गीत कर दे कमाल तू को दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी संजीव सिंह ने लिखा और गाया है।
इस बार रिकॉर्ड 54 पैरा एथलीट नौ विभिन्न खेलों में हिस्सा लेंगे।युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज नई दिल्ली में भारतीय पैरालंपिक दल के थीम-गीत “कर दे कमाल तू” को जारी किया। इस अवसर पर खेल मंत्रालय के सचिव श्री रवि मित्तल, खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री एलएस सिंह, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की अध्यक्ष डॉ. दीपा मलिक, महासचिव श्री गुरशरण सिंह और मुख्य संरक्षक श्री अविनाश राय खन्ना भी वर्चुअल माध्यम के जरिए उपस्थित हुए।
“कर दे कमाल तू” गीत को दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी संजीव सिंह ने लिखा और गाया है, जो लखनऊ के रहने वाले हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति का विचार था कि समावेशिता के प्रतीक के रूप में दिव्यांग समुदाय के किसी व्यक्ति से गीत लिखवाया जाए। इस गीत के बोल न केवल खिलाड़ियों में जोश भरते हैं, बल्कि किसी भी तरह की शारीरिक बाध्यता का सामना करने वाले व्यक्तियों को भी प्रेरणा देते हैं कि वे खुद को कभी कमतर न समझें और यह कि वे हर क्षेत्र में चमत्कार कर सकते हैं।

 

 

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इस अवसर पर श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, “भारत, टोक्यो ओलंपिक की 9 खेल प्रतिस्पर्धाओं में 54 पैरा-खिलाड़ियों के साथ अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेज रहा है। हम आपके खेल को गौर से देखेंगे और आपकी इस अविश्वसनीय यात्रा के साक्षी बनेंगे। हमारे पैरा-एथलीटों का दृढ़ संकल्प उनकी असाधारण मानवीय भावना को दिखाता है। यह याद रखें कि जब आप भारत के लिए खेल रहे होंगे तो आपका उत्साहवर्धन कर रहें 130 करोड़ भारतीय आपके साथ होंगे! मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे पैरा-एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे! प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे रियो 2016 पैरालंपिक खेलों के खिलाड़ियों से मुलाकात की थी और वे हमेशा हमारे खिलाड़ियों के कल्याण के लिए गहरी रुचि रखते हैं। प्रधानमंत्री ने सदैव पूरे देश में खेल संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ प्रतिभा के पोषण के लिए सरकार के दृष्टिकोण पर ध्यान दिया है। मैं भारत की पैरालंपिक समिति और इसकी अध्यक्ष श्रीमती दीपा मलिक को भी बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हमारे खिलाड़ी बेहतर तरीके से तैयार हों और सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं प्राप्त कर सकें।”

 

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इस गीत के रचयिता और गायक संजीव सिंह ने यह महसूस किया कि यह केवल उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे समूह के लिए गौरव का पल है। संजीव सिंह ने कहा कि वास्तव में यह रियो 2016 पैरा गेम्स में खिलाड़ी के तौर पर डॉ. दीपा मलिक की उपलब्धि है, जिनसे उन्हें उन पर कविता लिखने की प्रेरणा मिली और जिसने इस थीम-सॉन्ग का रूप लिया है। संजीव कहते हैं, “मैं यही चाहता हूं कि यह गीत पैरा-एथलीटों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करे। वे अपने जीवन में पहले से ही विजेता हैं, लेकिन अगर वे जीत के साथ पदक प्राप्त करते हैं तो उस पदक के साथ पूरे देश का ध्यान उनकी ओर आकर्षित होगा और देश भी गौरवान्वित होगा।”

 

 

 

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पीसीआई की अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा कि, “भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ से संबंधित राष्ट्रीय समिति का सदस्य होने के नाते, मैं इसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इंडिया@75 के समावेशी भारत के सपने को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अवसर के तौर पर देखती हूं। भारत में पैरालंपिक अभियान ने बहुत ही कम समय में बहुत बड़ा आकार ले लिया है और पैरा स्पोर्ट्स की इस अभियान को आगे बढ़ाने में सबसे बड़ी भागीदारी है। भारत में पैरा-स्पोर्ट्स को मुख्यधारा में लाने की जरूरत है। यह थीम गीत भारतीय पैरालंपिक दल के मनोबल को बढ़ाने के लिए रचा गया है। हम सभी भारतीयों से अनुरोध करते हैं कि थीम सॉन्ग को सुनकर और ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पैरालंपिक खेलों के लिए अपना समर्थन जाहिर करें।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पीसीआई के महासचिव श्री गुरशरण सिंह ने कहा कि, “यह गीत खिलाड़ियों को प्रेरणा देगा और उन्हें अनुभूति होगी कि पूरा देश उनके पीछे खड़ा है। जब पैरालंपिक्स में तिरंगा ऊपर फहराया जाएगा, तो पूरे देश को गर्व महसूस होगा। हम चाहते हैं कि इस गीत को सुनकर खिलाड़ियों में जोश आ जाए और उन्हें प्रेरणा मिले।”

इस बार रिकॉर्ड 54 पैरा-एथलीट 9 अलग-अलग खेलों में हिस्सा लेने जा रहे हैं। कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर इन खेलों में अपनी जगह बनाई है, जो इनसे पदक की उम्मीदों को बढ़ाता है।

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