नई दिल्ली 10 सितम्बर।
“आजादी का अमृत महोत्सव” के तहत सुरक्षा जागरूकता और कौशल विकास पहल के एक भाग के रूप में एनटीपीसी ने सुरक्षा कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की- जिसे प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक बार आयोजित करना है। यह खदान में कोयला खनन के दौरान सुरक्षा के प्रति टीम की वचनबद्धता को व्यक्त करता है।
इस तरह के तकनीकी प्रशिक्षण सत्रों के आयोजन का उद्देश्य एनटीपीसी की कोयला खनन परियोजनाओं में सर्वोत्तम सुरक्षा प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इनके कार्यान्वयन के माध्यम से एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति बनाने के लिए विभिन्न कोयला खनन परियोजनाओं में तैनात इन-हाउस अधिकारियों के बीच सूचना का प्रसार तथा ज्ञान साझा करना है, जिससे यहां “घटनाओं की संभावनाओं को नगण्य” किया जा सके।
ओईएम सहित आंतरिक और इनके साथ ही बाह्य संकायों द्वारा विभिन्न सत्रों का आयोजन “खदान सुरक्षा एवं सर्वोत्तम प्रथाओं”, “सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग/खानों में डिजिटल पहल”, “सतत खनन” आदि से संबंधित विभिन्न विषयों पर आयोजित प्रशिक्षण के एक हिस्से के रूप में किया जा रहा है।
“डंप ढलान की निगरानी के लिए स्थलीय लेजर स्कैनर का उपयोग”, “ई-एसएमपी”, “सुरक्षा प्रबंधन योजना कार्यान्वयन”, “खदानों में मॉनसून के लिए तैयारी”, “विद्युत सुरक्षा”, “एचईएमएम की सुरक्षा विशेषताएं” जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यक्रम के भाग के रूप में आयोजित किये गए हैं, जिसकी प्रतिभागियों ने सराहना की है।
इस दिशा में आगे बढ़ने और एनटीपीसी की कोयला खानों में सुरक्षा में सुधार के लिए आगामी सत्र खान योजना, पर्यावरण सामाजिक शासन, खनन एवं उद्योग के पर्यावरण संबंधी पहलू, ओपनकास्ट खानों में ब्लास्टिंग के डिजाइन व अनुकूलन, फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम और हॉल रोड मैनेजमेंट तथा योग्यता परीक्षाओं के प्रथम श्रेणी प्रमाण पत्र में उपस्थित होने के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आगामी सत्रों में खान योजना, पर्यावरण सामाजिक शासन, खनन और उद्योग के पर्यावरण संबंधी पहलू, ओपनकास्ट खानों में ब्लास्टिंग के डिजाइन और अनुकूलन, फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम और हॉल रोड मैनेजमेंट, योग्यता परीक्षाओं के प्रथम श्रेणी प्रमाण पत्र में उपस्थित होने के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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