टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल्स एसएल-4 कैटिगिरी में सुहास एल यथिराज का सामना फ्रांस के लुकास मजूर से हुआ। फाइनल मुकाबले में सुहास ने पहला राउंड जीत लिया था, लेकिन अगले दो राउंड में उनको हार मिली और वे गोल्ड मेडल से चूक गए लेकिन उन्होंने गर्व के साथ पोडियम पर रजत पदक पहन कर भारत को गौरवान्वित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुहास एल यथिराज को ट्वीट संदेश के जरिये बधाई देते हुए करते हुए कहा, “सेवा और खेल का एक शानदार संगम! डीएम गौतमबुद्ध नगर सुहास यतिराज ने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन से हमारे पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।”
सुहास एलवाई का जन्म कर्नाटक के शिमोगा में हुआ। जन्म से ही दिव्यांग सुहास शुरुआत में IAS नहीं बनना चाहते थे। वो बचपन से ही खेल के प्रति बेहद दिलचस्पी रखते थे। इसके लिए उन्हें पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला। 2007 में उत्तर प्रदेश कैडर से आइएएस बनने के बाद जहां उन्होंने कई विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में देश के लिये मैडल जीते वहीं प्रयागराज और नोएडा के जिलाधिकारी की भी जिम्मेदारियां निभायीं।
जिस बेडमिंटन रैकेट से सुहास ने इतिहास रचा उसे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट कर दिया है। अब जबकी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों का ई-ऑक्शन शुरू हो चुका है। सुहास का बैडमिंटन भी उन वस्तुओं की सूची में शामिल है जिनका ऑक्शन किया जा रहा है। यह ई-आक्शन 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक चलेगा। सुहास की उपलब्धि की निशानी को आप हासिल कर गौरवान्वित हो सकते हैं। इससे मिली राशि का उपयोग नममि गंगे परियोजना में किया जाएगा। ई-ऑक्शन में डीएम सुहास के के रैकेट का बेस प्राइज 50 लाख रखा गया हैI
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