नई दिल्ली 12 जुलाई।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी एवं न्यायसंगत समाज बनाने की दिशा में काम कर रहा है। पिछले नौ वर्षों के दौरान, इस मंत्रालय ने छात्रवृत्ति के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों, बुजुर्ग नागरिकों, सफाई कर्मचारियों और ट्रांसजेंडर लोगों सहित समाज के उपेक्षित वर्ग के लोगों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं एवं पहल शुरू की हैं। अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा देश में वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई एक व्यापक पहल है। यह योजना समाज में बुजुर्गों के बहुमूल्य योगदानों को मान्यता प्रदान करती है और उनका कल्याण एवं सामाजिक समावेशन सुनिश्चित करती है। सरकार का लक्ष्य समाज में बुजुर्गों के बहुमूल्य योगदान को मान्यता देकर, उन्हें सशक्त बनाना और उनका उत्थान करना है ताकि जीवन के सभी क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भागीदारी और समावेशन सुनिश्चित हो सके।
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण का नोडल विभाग होने के नाते, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीएसआरसी) को नया रूप देकर इसे अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई) का नया नाम दिया गया और अप्रैल 2021 में सम्मिलित किया गया।
एक समग्र योजना के तहत, अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई) वरिष्ठ नागरिकों, विशेष रूप से गरीब वरिष्ठ नागरिकों, को बुनियादी सुविधाएं एवं मनोरंजन के अवसर प्रदान करके और सार्थक एवं सक्रिय बुढ़ापा को प्रोत्साहित करके उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने हेतु वृद्धाश्रमों/सतत देखभाल गृह को चलाने एवं उनके रखरखाव के लिए पात्र संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित एक एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएसआरसी) है।
आईपीएसआरसी के तहत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हासिल होने वाली उपलब्धियां यह हैं कि वर्तमान में देशभर में कुल 552 वृद्धाश्रम, 14 सतत देखभाल गृह, 19 मोबाइल मेडिकेयर इकाइयां और 5 फिजियोथेरेपी क्लीनिकों को विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा सहायता दी जा रही है और उनका रखरखाव किया जा रहा है। लगभग 1.5 लाख लाभार्थी वृद्धाश्रमों में रह रहे हैं। इस योजना के तहत देशभर के 361 जिलों को कवर किया गया है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान कुल 288.08 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान जारी की गई है और लाभार्थियों की कुल संख्या 363570 है।
एवीवाईएवाई योजना के तहत एक अन्य घटक राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) है, जो उम्र से संबंधित किसी भी दिव्यांगता/दुर्बलता से पीड़ित पात्र वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे सहायक उपकरण प्रदान करती है, जो कम दृष्टि, श्रवण दोष, दांतों की हानि और चलने-फिरने से जुड़ी समस्या जैसी दिव्यांगता/दुर्बलता पर काबू पाकर उनकी शारीरिक अवस्था को लगभग सामान्य स्थिति में वापस ला सकते हैं। लाभार्थियों के लिए वित्तीय मानदंड या तो ‘गरीबी रेखा से नीचे’ (बीपीएल) श्रेणी का वरिष्ठ नागरिक होना या फिर उनकी आय पन्द्रह हजार रूपये प्रति माह तक होना है।
विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) के तहत उपलब्धियां यह हैं कि अब तक कुल 269 शिविर आयोजित किए गए हैं और इस शिविर के लाभार्थियों की संख्या चार लाख से अधिक है। इस योजना के तहत पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 140.34 करोड़ रुपये की कुल राशि जारी की गई है और 130 शिविरों में 157514 लाभार्थियों को कुल 848841 उपकरण वितरित किए गए हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एल्डरलाइन नाम का एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर है। वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से दुर्व्यवहार एवं बचाव के मामलों में मुफ्त जानकारी, मार्गदर्शन, भावनात्मक समर्थन और स्थल पर जाकर हस्तक्षेप प्रदान करने हेतु 1 अक्टूबर 2021 को एक टोल-फ्री नंबर 14567 का शुभारंभ किया गया था। एल्डरलाइन सप्ताह के सभी सातों दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चालू रहती है और यह 31 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में कार्यरत है। एल्डरलाइन योजना पर पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान कुल 82.68 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई अटल वयो अभ्युदय योजना, देश में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय, स्वास्थ्य संबंधी एवं सामाजिक जरूरतों को पूरा करके उन्हें सशक्त बनाना और समाज में उनकी सक्रिय भागीदारी एवं समावेशन को सुनिश्चित करना है। इस पहल के माध्यम से, सरकार एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करती है जहां राष्ट्र के लिए वरिष्ठ नागरिकों के बहुमूल्य योगदान को स्वीकार किया जाए और वरिष्ठ नागरिक एक गरिमापूर्ण, सम्मानजनक और संतुष्टि भरा जीवन जी सकें।
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पी आई बी