#टीबी मुक्त भारत के लिए घर घर टीबी रोगी खोज अभियान शुरू
औरैया 24 नवंबर ।भविष्य में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी रोगियों के परिवार को टीबी मुक्त और सक्षम बनाने के लिए निक्षय मित्र के रूप में सहयोग कर रहीं रेड क्रॉस सोसाइटी ने गुरुवार को 50 क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की। पोषण पोटली में मूंगफली, सत्तू, भुना चना, दलिया और प्रोटीन संपूरक दिया गया। जिला क्षयरोग केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में क्षयरोगियों ने अपने अनुभव भी साझा किये। इसके साथ ही टीबी मुक्त भारत के लिए घर घर टीबी रोगी खोज अभियान का भी आगाज़ हुआ।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ संत कुमार ने बताया – प्रधानमंत्री ने साल 2025 तक देश से क्षय उन्मूलन का लक्ष्य रखा है | इस क्रम में एसीएफ महत्वपूर्ण गतिविधि है जिसके माध्यम से जनपद की 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। टीबी के लक्षण युक्त (संभावित रोगियों) व्यक्तियों की जांच की जाएगी और जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा। टीबी के प्रति संवेदीकरण बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है । डीटीओ ने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है। टीबी की दवा पूरी अवधि तक लेना है और एक भी दिन दवा छूटनी नहीं चाहिए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों और चिकित्सालयों में टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके लक्षण नजर आते ही तत्काल जांच करानी चाहिए। क्षय रोगियों के सभी सदस्यों की टीबी जांच 15 दिन या एक माह में करानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि गोद लिए गए क्षय रोगियों को सम्पूर्ण उपचार के साथ भावनात्मक सहयोग भी दिया जा रहा है। जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर क्षय रोगियों को पोषण व भावनात्मक सहयोग प्रदान करने के लिए लोग आगे आएं।
रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन विपिन मित्तल ने कहा कि नियमित दवा के सेवन के साथ ही प्रोटीन व विटामिन युक्त आहार क्षय रोगियों के लिए बेहद आवश्यक है। इसलिए सभी क्षय रोगी नियमित दवा सेवन के साथ-साथ पोषक आहार पर भी अवश्य ध्यान दें। पौष्टिक आहार का मतलब महंगे व्यंजन कतई नहीं होते हैं। समाज में प्रचलित धारणा है कि पौष्टिक आहार यानि महंगा भोजन, जबकि हम अपने आसपास मौजूद खाद्य सामग्री से भी पर्याप्त पोषण प्राप्त कर सकते हैं।
इस दौरान जिला कार्यक्रम समन्वयक व जिला पीपीएम समन्वयक रविभान सिंह, नितिन वर्मा,रोहित अग्रवाल, प्रशांत चतुर्वेदी, अनिल तिवारी उपस्थित रहे ।
जनपद में क्षय रोग के मरीज
वर्तमान में जनपद में करीब 2467 टीबी रोगी नोटिफ़ाइ हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर उपचार किया जा रहा है। साथ ही गोद लिए गए सभी क्षय रोगियों को हर माह पोषण पोटली भी प्रदान की जा रही है। निक्षय पोषण योजना में क्षय रोगियों को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये भी डीबीटी के द्वारा भेजे जा रहे हैं।
क्षय रोग के बारे में जानें –
दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।