जब हम डिजिटल डिवाइड को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की बात करते हैं, हमें यह मानने की आवश्यकता है कि लगभग 9 करोड़ किसानों को बटन के एक क्लिक पर किसान मान धन दिया जा रहा है- सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद

आरोग्य सेतु और ई-ऑफिस ने जूरी की पसंद श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किए

नई दिल्ली 31 दिसम्बर।राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन और विज्ञान भवन, नई दिल्ली सहित चार अन्य स्थानों – भोपाल, चेन्नई, कोलकाता और पटना की भागीदारी से एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020 प्रदान किए। पुरस्कार समारोह केंद्रीय कानून एवं न्याय, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव श्री अजय साहनी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में विशेष सचिव तथा वित्तीय सलाहकार सुश्री ज्योति अरोड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपर सचिव डॉ. राजेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा, और केंद्र, राज्य तथा जिला कार्यालयों के अन्य सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में सभी 24 विजेता टीमों को बधाई दी और कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी सेवाओं और संचालन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए और सार्वजनिक सेवा वितरण में अद्वितीय प्रौद्योगिकी नवाचारों के साथ देश को समृद्ध करने के लिए विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों और तकनीकी टीमों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया पुरस्कार नागरिकों को उनकी आकांक्षाओं को प्राप्त करने और भारत को डिजिटल महाशक्ति बनाने हेतु सशक्त बनाने के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कोरोना वायरस ने सामाजिक संबंधों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और जीवन के कई अन्य पहलुओं के मामले में दुनिया को बदल दिया है। भारत न केवल गतिशीलता-प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए तैयार है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए आपदा को अवसर के रूप में परिवर्तित किया। यह केवल इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है।”

उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास को अक्सर ‘व्यवधान’ बताया जाता है, लेकिन इस वर्ष इसने बड़े व्यवधान को काफी हद तक दूर करने में हमारी मदद की। सरकार के लिए भी, नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने और अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने में सूचना प्रौद्योगिकी सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है। सकारात्मक डिजिटल उपाय के कारण, हम लॉकडाउन के दौरान और बाद में महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं को निरंतर सुनिश्चित करने में सक्षम हुए हैं। इसने समान रूप से महत्वपूर्ण, महामारी प्रबंधन में भी हमारी मदद की है। महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को दूर करने में हमारे डिजिटल योद्धाओं की भूमिका सराहनीय रही है। सूचना संचार प्रौद्योगिकी के सशक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा समर्थित आरोग्य सेतु, ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सेवाओं के बल पर महामारी की कठिनाइयों को कम करने में देश को मदद मिली है।

राष्ट्रपति ने कहा, “मजबूत सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रवेश के कारण हमारे जीवन में डिजिटल समावेशन एक महत्वपूर्ण कदम है। इस डिजिटल समावेशन ने हमारे जीवन को इंटरनेट, इंटरनेट बैंकिंग या यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई के माध्यम से भुगतान के रूप में सबसे सरल तरीकों से जोड़ा है, क्योंकि लोग इससे अच्छी तरह से अवगत हैं।”

राष्ट्रपति ने इस कार्य के लिए एनआईसी की सराहना करते हुए कहा, “एनआईसी देश में ई-गवर्नेंस और डिजिटल परिवर्तन का वाहक है। यह सरकार और नागरिकों के बीच बातचीत को सहज और निर्बाध बनाने के लिए कई प्रौद्योगिकी-संचालित पहल चला रहा है।” उन्होंने कहा कि हमें हर नागरिक की सुरक्षा और लाभ के लिए कागज रहित और संपर्क रहित मोड में सरकारी कार्यालयों के कामकाज के लिए अभिनव समाधान तलाशते रहना चाहिए। यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाने में भी मदद करेगा। हमें अपने देश के दूरस्थ कोनों में भी आर्थिक समावेशिता और सामाजिक परिवर्तन की सहायता के लिए प्रौद्योगिकी और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित नवीन समाधानों का लाभ उठाना चाहिए।

सहभागितापूर्ण शासन के बारे में श्री कोविंद ने कहा कि यह कहा जाता है कि सूचना एक शक्ति है। अधिक लोगों के साथ अधिक जानकारी साझा करना न केवल समाज में पारदर्शिता बढ़ाता है, बल्कि नागरिकों और नागरिक समाज को भी सशक्त बनाता है। इस आदर्श को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने विभिन्न प्रकार के डेटा सेट और डेटा संसाधन पब्लिक डोमेन में डालना शुरू कर दिया है। यह एक जागरूक नागरिकता के लिए अत्यधिक आवश्यक है, जो लोकतंत्र की आधारशिला है। नेशनल डेटा शेयरिंग एंड एक्सेसिबिलिटी पॉलिसी में शासन के एक सहभागी मॉडल की भी परिकल्पना की गई है जिसमें नागरिक सार्वजनिक प्राधिकरणों से गैर-रणनीतिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न सुधार प्रक्रियाओं में सरकार के साथ भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार से लेकर स्थानीय शासन निकायों तक विभिन्न स्तरों पर शासन के कुशल, पारदर्शी और त्वरित वितरण के लिए स्वदेशी प्लग-एंड-प्ले सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी समाधानों की आवश्यकता होती है। जैसा कि कोविड-19 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, हमने भारत को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। प्रौद्योगिकी आने वाले दिनों में उस यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक बनने जा रही है। विभिन्न क्षेत्रों में और शासन के सभी स्तरों पर आधुनिक तकनीकों को लागू करने और अपनाने में भारत सबसे आगे रहा है। हमें सभी नागरिकों के लिए जीवनयापन में सुधार के लिए नये समाधान प्रस्तुत करने के लिए खुद चुनौतियों का सामना करते रहना होगा।

इस अवसर पर एक बधाई संदेश देते हुए, श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के व्यापक दृष्टिकोण को पूरा करने में डिजिटल इंडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे बदलने के लिए हमें सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि का प्रतीक है कि डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020 को डिजिटल रूप से प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र एक असाधारण तरीके से महामारी से निपटने के लिए आगे बढ़ा और उन्होंने देश भर में सूचना प्रौद्योगिकी टीमों के गुमनाम योद्धाओं की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम डिजिटल डिवाइड को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की बात करते हैं, हमें यह मानने की आवश्यकता है कि लगभग 9 करोड़ किसानों को बटन के एक क्लिक पर किसान मान धन दिया जा रहा है। डिजिटल समावेशन को इतने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्पष्ट रूप से देखा गया था।’’ उन्होंने डाक विभाग-डाकिया जैसे सभी गुमनाम योद्धाओं की सराहना की, जो भारत के ऐसे सबसे दूरस्थ हिस्से में पहुँचे जहाँ कोई बैंक नहीं था, कोई एटीएम नहीं था और वे अपने आधार समर्थित भुगतान के साथ गए और गरीब लोगों के लिए भुगतान सुनिश्चित किया।

इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय में सचिव श्री अजय साहनी ने डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020 के आयोजन के लिए एनआईसी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार डिजिटल गवर्नेंस में विभिन्न सरकारी संस्थाओं की अनुकरणीय पहलों को मान्यता देने में हमारी मदद करते हैं।

एनआईसी की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सामाजिक भलाई हमेशा किसी भी सरकारी पहल का प्राथमिक उद्देश्य होता है और कई सरकारी संस्थाओं ने डिजिटल समाधानों को लागू करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है और इस तरह अपने काम के साथ एक प्रेरणास्रोत बन गए हैं जो दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं। डिजिटल इंडिया पुरस्कार का उद्देश्य डिजिटल गवर्नेंस में ऐसी प्रेरक सफलता की कहानियों को सामने लाना है।

छह श्रेणियों के तहत सरकारी संस्थाओं द्वारा 22 डिजिटल गवर्नेंस पहलों/उत्पादों को अभिनव नागरिक-केंद्रित डिजिटल समाधानों को डिजाइन करने, लागू करने तथा सभी नागरिकों के लिए जीवन की सहजता में सुधार के लिए डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2020 प्रदान किए गए। जूरी की पसंद श्रेणी के तहत आरोग्य सेतु और ई-ऑफिस को पुरस्कार दिए गए।

 

श्रेणी विजेता
1 महामारी में नवाचार ई-संजीवनी – राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा
कोविड-19 नमूना संग्रह प्रबंधन प्रणाली
आपदा सम्पूर्ति पोर्टल
प्रवासी श्रामिक और रोजगार सेतु पोर्टल
2 डिजिटल शासन में उत्कृष्टता- मंत्रालय/ विभाग (केन्द्रीय) ई-कमेटीभारत का सर्वोच्च न्यायालय, न्याय विभाग
डाक विभाग
उर्वरक विभाग
भूमि संसाधन विभाग
3 डिजिटल शासन में उत्कृष्टता – राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश हरियाणा
तमिलनाडु
उत्तर प्रदेश
पश्चिम बंगाल
4 डिजिटल शासन में उत्कृष्टता -जिला खरगोन, मध्य प्रदेश
चांगलांग, अरूणाचल प्रदेश
कामारेड्डी, तेलंगाना
5 ओपन डेटा चैंपियन ओजीडी प्लेटफॉर्म इंडिया पर हेल्थ सेक्टर डेटा
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई)
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई)
6 अनुकरणीय उत्पाद पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम पीसीएस1एक्स – नेशनल मैरीटाइम सिंगल विंडो
सर्विस प्लस – एक मेटाडेटा-आधारित सेवा वितरण प्लेटफ़ॉर्म
एकीकृत मंदिर प्रबंधन प्रणाली – आईटीएमएस
7 जूरी की पसंद आरोग्य सेतु
ई-आफि़स

 

पी आई बी

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