औरैया 14 नवम्बर 2024- उप कृषि निदेशक ने अवगत कराया है कि प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन का इन सीटू मैनेजमेंट क्रॉप रेज्ड्यूि योजना के अंतर्गत कृषकों को पराली जलाने से रोकने के संबंध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं मा० हरित अधिकरण की धारा 24 एंव 26 के अर्न्तगत दण्ड के प्रावधानानुसार फसलों की कटाई के लिए कंबाइन के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, मल्चर, रोटरी स्लेसर एवं बेलर आदि का प्रयोग अनिवार्य है।
दिनांक 14.11.2024 को क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान सूचना मिलने पर जिलाधिकारी द्वारा गठित तहसील स्तरीय टीम के अधिकारी हिमांशु रंजन श्रीवास्तव उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी औरैया, तहसीलदार औरैया रणवीर सिंह एवं पुलिस विभाग थाना दिबियापुर द्वारा कम्बाइन हार्वेस्टर को बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के चलाते हुए पाए जाने पर फसल कटाई कार्य बन्द करवा कर थानाध्यक्ष दिबियापुर के सुपुर्द कर दिया गया था, शासनादेश के नियमानुसार कम्बाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाने के बाद कठोर चेतावनी देकर मशीन को छोड दिया गया है, ताकि धान फसल की कटाई एंव गेहूँ फसल कि समय पर बुवाई की जा सके। इस मशीन द्वारा कृष्णगोपाल पुत्र रमाकांत ग्राम जमोली, दिबियापुर जनपद-औरैया के खेत में धान फसल की कटाई की जा रही थी।
उक्त के अतिरिक्त क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान हिमांशु रंजन श्रीवास्तव उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी औरैया एवं शैलेन्द्र कुमार वर्मा जिला कृषि अधिकारी औरैया द्वारा ग्राम-टिकोली में आग जलते हुये पायी गयी, जिसकों उक्त अधिकारियों द्वारा बुझाने का प्रयास किया गया तथा ग्राम-मिहौली में गाटा संख्या-1001/0.080 सम्बन्धित लेखपाल को मौके पर बुलाकर खातेदार महेन्द्र सिंह, मेवालाल, भारत सिंह, विनोद कुमार, अखिलेख कुमार, शिवलाल सिंह, सुमित नरायन, जगत सिंह, जगतपाल सिंह, दिनेश कुमार एवं श्रीमती शान्ती देवी के विरूद्ध उपरोक्त शासनादेश के अन्तर्गत आवश्यक कार्यवाही की गयी। मौके पर उपस्थित कृषकों को अधिकारीयों द्वारा बताया गया कि सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रॉ रीपर अथवा स्ट्रॉ रेक एवं बेलर या अन्य किसी फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों के बगैर कंबाइन मशीन से अपने धान फसल की कटाई न करवाएं एवं पराली न जलाये इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है, और पराली जलाना दण्डनीय अपराध है, पकडे जाने पर क्षतिपूर्ति हेतु दो एकड़ तक रुपये 5000/- तथा दो एकड़ से पांच एकड़ तक रूपये 10000/- एवं पांच एकड़ से अधिक पर रूपये 30000 प्रति घटना जुर्माना लगाया जायेगा एवं पराली जलाने की पुनरावृत्ति करने पर कृषक के विरुद्ध FIR दर्ज कराई जाएगी।