★मंदिर_हमारी_संपत्ति_हैं_उनका_संरक्षण_हमारादायित्व

 

 

■■औरैया 16 जुलाई।देवकली मंगलाकाली देवस्थान एवं गौरक्षा संवर्द्धन ट्रस्ट के नाम पर देवकली मंदिर व मंगला काली मंदिर के प्रशासनिक अधिग्रहण तथा ट्रस्ट द्वारा मंदिर प्रबंधन की आड़ में श्रद्धालुओं के शोषण एवं मंदिर कुप्रबंधन के विरोध में औरैया में आज हिंदू संगठनों की बैठक हुई।। बैठक में देवकली व मंगलाकाली मंदिर के जनभावनाओं के विरुद्ध अधिग्रहण पर रोष व्यक्त किया गया।। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि ट्रस्ट के गठन में स्थानीय सहभागिता को दरकिनार कर मंदिरों का प्रबंधन पूर्णतया सरकारी कर्मचारियों के अधीन कर दिया गया, जिसके चलते दोनों मंदिरों पर बहुत अव्यवस्था उत्पन्न हो गयी।। मंदिर पर ना ही स्थाई पुजारी है, ना ही संरक्षण की कोई व्यवस्था। बल्कि ट्रस्ट के माध्यम से बोली लगाकर देवकली मंदिर को निजी क्षेत्र की एक कंपनी के मुखौटा ट्रस्ट को नीलाम कर दिया गया।। मंदिर , जो कि सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का केंद्र पिछले हजार वर्षों से है, उसमें अब कोई भी संत निवास नहीं कर पा रहा,ना ही मंदिर परिसर में संत भंडारा या संतों के विश्राम की कोई व्यवस्था है।। ट्रस्ट द्वारा मंदिर की नीलामी से प्राप्त रकम का बंदरबांट ट्रस्टी अपने नजदीकी लोगों को ” औरैया रत्न” के रूप में लाखों की पुरस्कार राशि देकर कर रहे हैं।। मंदिर की गौशाला की गायें अत्यंत दयनीय दशा में हैं, उनके संवंर्द्धन के बजाय ट्रस्ट पार्किंग और अन्य मदों से पैसा कमाने में लगा है जबकि मंदिर की सुविधाओं में निरंतर कटौती होती जा रही है।। बैठक में उपस्थित हिंदू नेताओं ने प्रदेश सरकार के मुखिया माननीय योगी जी से आग्रह किया है कि हिंदू धर्म की आस्था के केंद्र देवकली और मंगलाकाली

देवस्थान को प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त कर संत समाज को मंदिर की व्यवस्थाएं सौंपी जाएं ताकि आम श्रद्धालुओं का शोषण तथा ट्रस्ट के नाम पर हो रही व्यापारिक लूट को बंद किया जा सके।। अन्यथा की स्थिति में औरैया जनपद में इस प्रशासनिक तानाशाही के खिलाफ बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।। बैठक में विहिप प्रांत सह मंत्री श्री अनिल दीक्षित,ब्राह्मण महासभा प्रदेश अध्यक्ष नीरज चौधरी, बजरंग दल जिला संयोजक आशीष चौबे, हिंदू युवा वाहिनी जिला प्रभारी प्रदीप सेंगर, रुद्र पीठ संस्थापक आरतीनंदन तिवारी, हिंदू नेता नीरज चौधरी , पारस मिश्रा,सौरभ पाठक एड. बजरंगी शिवा राठौर, जितेंद्र वाल्मीकि आदि उपस्थित रहे।।

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