भारत के लिए 8 अक्टूबर का दिन बेहद खास है। दरसल, आज यानी 8 अक्टूबर को भारत हर साल अपना भारतीय वायुसेना दिवस मनाता है।

भारत के लिए 8 अक्टूबर का दिन बेहद खास है। दरसल, आज यानी 8 अक्टूबर को भारत हर साल अपना भारतीय वायुसेना दिवस मनाता है। इस साल भारतीय वायुसेना का 89वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं में से एक है। भारतीय वायु सेना ने अनेकों बार अपने पराक्रम का लोहा मनवाकर भारत को गौरवान्वित किया है।

भारतीय वायुसेना का इतिहास-

Indian Air Force की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी। इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था।
1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट, भारतीय वायुसेना के पहले चीफ थे।
देश की आजादी से पहले भारतीय वायुसेना भारतीय थल सेना का ही हिस्सा थी। जिसे बाद में आर्मी से ‘आजाद’ करा लिया गया। जिसका श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे थे।
Indian Air Force का आर्दश वाक्य- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’।

नभ: स्पृशं दीप्तम’ भारतीयवायुसेना का आदर्श वाक्य है। इस पंक्ति को गीता के 11वें अध्याय से ग्रहण किया गया है। यह वाक्य महाभारत में युद्ध के समय कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।

वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात्‌ केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।,,,, जय हिन्द।

 

 

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