औरैया 5 सितंबर ।भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, पूरे देश को अपनी विद्वत्ता से अभिभूत करने वाले डॉ राधाकृष्णन को भारत सरकार ने 1954 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने अपने शब्दों में शिक्षक दिवस पर सभी गुरुओं के सम्मान में कहा कि *”गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ी गढ़ी काढैं खोट, अन्तर हाथ सहाय दे, बाहर-बाहर चोट।।”* अर्थात गुरु ही शिष्य के चरित्र का निर्माण कर उसको सहारा देते हैं, कहीं वह टूट न जाए। जैसे एक कुम्हार घड़े को बाहर से चोट लेकिन अंदर से सहारा देकर उसके आकार का निर्माण करता है। गेल ऑडिटोरियम में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सम्मान में किए गए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक एक दीपक की तरह जलकर विद्यार्थियों की अज्ञानता का अंधकार दूर करता है। इसलिए विद्यार्थियों का भी कर्तव्य होता है कि शिक्षक को सम्मान देकर उनके व्यक्तित्व में निखार पैदा करें।

उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवावस्था की उम्र में विद्यार्थी दो राह पर खड़े होते हैं, जिसमें एक सही वह एक गलत रास्ता होता है। सही राह पर चलने वाले विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, परंतु उनकी तीन पीढ़ियों का भविष्य उज्जवल हो जाता है और गलत राह पर चलने वाले विद्यार्थियों का भविष्य स्वयं तो खराब होता ही है साथ ही आगे की पीढ़ियां भी बर्बाद हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि किसी गुरु का शिष्य जब अच्छी राह पर पहुंचता है तो उसके गुरु को सबसे अधिक खुशी होती है इसलिए जीवन में सही राह को चुनकर उस पर चलने का संकल्प लें। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने तुलसीदास रचित रामचरितमानस के प्रश्नों का भी वर्णन किया और उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए ही भगवान राम भी गुरुकुल गए थे।

इसके पूर्व जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में शिक्षकों व विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। जिलाधिकारी ने कम्पोजिट विद्यालय नगला जयसिंह की प्रधानाचार्या श्रीमती अलका यादव को शिक्षण कार्य में अच्छा कार्य करने हेतु राज्य पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी और आगे भी शिक्षक कार्य को पूरी ईमानदारी से करते रहने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर शिक्षिका ने अपने शब्दों में सभी लोगों को धन्यवाद किया और विद्यार्थियों को शिक्षकों के प्रति प्रेम व स्नेह रखते हुए शिक्षण कार्य करने के लिए कहा। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे ने कहा कि मनुष्य की प्रथम पाठशाला उसकी मां के द्वारा दी जाती है। इसीलिए जीवन में सर्वप्रथम गुरु मां को अधिक स्नेह व सम्मान देना हमारा प्रथम कर्तव्य है। राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि ऋषि पांडे ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उनके मार्गदर्शन से ही भविष्य की राह बनती है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रशेखर मालवीय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विपिन कुमार तथा संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सहित विद्यालयों के छात्र-छात्राएं व शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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