दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी के लिए निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र पोरवाल (पप्पू भैया),रामकुमार अवस्थी ब बीजेपी प्रत्याशी राघब मिश्रा में होगा त्रिकोणात्मक संघर्ष

दिबियापुर 6 मई।लगभग 22000 मतदाता वाली दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट से चुनावी मैदान में उतरे दलीय, निर्दलीय व डमी को मिलाकर 12 प्रत्याशी मैदान में है इस सीट पर 3000 के अंदर मत पाकर प्रत्याशी विजयी होते रहे है लगभग सभी बिरादरी के वोट इस छेत्र में है लेकिन निर्णायक मतदाता वैश्य वर्ग व ब्राम्हण मतदाता रहते है। पिछले 2 चुनावो में लगातार अध्यक्ष पद की इस सीट पर वैश्य वर्ग का कब्जा रहा है ।इस बार इस सीट पर वैश्य वर्ग से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राजेंद्र पोरवाल पप्पू भैया बैंक वाले मैदान में है व बसपा से पहले अध्यक्ष रह चुके अरविंद पोरवाल मैदान में है बताया जाता है कि ये अपने कार्यकाल भर विवादों में रहे कभी इनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो कभी तत्कालीन अल्पसंख्यक महिला अधिकारी के साथ हाथापाई के आरोप लगे कुल मिलाकर हमेशा विवादों में ही रहे इन्होंने पिछला चुनाव बीजीपी से टिकट लेकर लड़ा था लिकिन विगत विधानसभा चुनाव में बीजीपी से चुनाव लड़े लाखन सिंह राजपूत को हराने का इनके ऊपर आरोप लगा कहा जाता है कि इन्होंने श्री राजपूत जी को हराने में कोई कोर कसर नही छोड़ी थी अतः इनको बाखूबी मालूम था बीजीपी टिकट नही देगी इस बार, तो ये पहले ही दूसरा घर तलाशने लगे और शरण मिली बसपा में , भारतीय जनता पार्टी ने नगर के व्यापारी राघब मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है ,समाज वादी पार्टी ने विपिन गुप्ता व कांग्रेस ने नीलम चौधरी व आम आदमी पार्टी ने अन्नू पाल पर भरोसा जताकर चुनावी मैदान में उतारा है । इनके साथ ही नगर के कद्दावर ब्राम्हण रामकुमार अवस्थी ने अपनी पत्नी संध्या अवस्थी को मैदान में उतारा है।संघर्ष इन्ही प्रमुख प्रत्याशियों में है।

इन प्रत्याशियों की अगर अलग अलग समीक्षा की जाय तो प्रथम पायदान पर राजेन्द्र पोरवाल पप्पू भैया का नाम आता है इनकी जीवनी कुछ इस तरह से है भारतीय स्टेट बैंक की नौकरी से रिटायर्ड है गृहस्थ आश्रम में आदरणीय मोदी जी व योगी जी की तरह से है, योग्यता से परिपूर्ण है हमेशा दूसरे की मदद को तत्पर रहते है जाहे बैंक की कुर्सी के दौरान की बात करे या कोई घर पर आया हो या किसी ने फोन पर मदद मांगी हो , दूसरे निर्दलीय प्रत्याशी संध्या अवस्थी के पति राम कुमार अवस्थी की एक पढ़े लिखे समाज सेवा से जुड़े व्यापारी है इनकी धर्मपत्नी श्रीमती संध्या अवस्थी भी एक सामाजिक महिला है व समाज सेवा में अग्रणी रहती है,भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राघब मिश्रा भी एक पढ़े लिखे सौम्य स्वभाव के व्यक्ति है समाज सेवा के साथ-साथ इनकी गिनती नगर के बड़े व्यापारियों में की जाती है लेकिन राजनीति में अभी नए है ,सपा के प्रत्यासी विपिन गुप्ता भी एक पढ़े लिखे सामाजिक व्यक्तित्व के व्यबहार कुशल यक्ति है पूरी ताकत से एक वजनदार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है इनकी पार्टी व विरादरी का वोट भी ठीक ठाक है लेकिन मतदाता के पेट की कोई नही जानता है ,बसपा प्रत्याशी अरविंद पोरवाल जो कि नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रहे है यानी कि निवर्तमान लेकिन बेमिसाल पर्सनेलिटी है ये हमेशा अपने कार्य कलापो से विवाद में रहे कभी व्यापारी नेताओ से मोर्चा,कभी सभाशदों से संघर्ष वो भी काहे का नगर पंचायत की अवैध कमाई के बंदर बाट का तो कभी अल्पसंख्यक वर्ग की अधिकारी के साथ बदतमीजी की बात इस सबके बाबजूद अपनी इस सिसकती साख के बल पर फिर से मैदान में किस्मत आजमा रहे है।इन प्रमुख लोगो के अलावा कांग्रेस व आप पार्टी के प्रत्याशी भी अपनी समाज सेवा व सौम्य स्वभाव के बल पर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे है।
यहाँ पर ये बताना फिर जरूरी है कि इस नगर पंचायत सीट से मात्र 3000 के अंदर वोट पाकर कोई भी अध्यक्ष बन सकता है व बनता रहा है।और यहाँ पर निर्णायक वोट होता है तो वैश्य वर्ग का।
यहॉ पर जातिगत हिसाब से लगभग 4200 वोट वैश्य वर्ग का है,2600 वोट ब्राम्हण ,1000 छत्रिय,1700 लोधी,1700 यादव,800 विश्वकर्मा,1100 मुसलमान,600 पाल,500 कुशवाहा,500 सविता,550 स्वर्णकार,3000 हरिजन,1100 मिश्रित जातियों व 1500 के लगभग दिबियापुर से बाहर रह रहे मतदाता बताये जाते है।
इनके वोट से ही फैसला होगा कि कौन दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा इनमें से कोई भला आदमी या हमेशा विवादों व खाने कमाने में लगा रहने वाला निवर्तमान अध्यक्ष।

 

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