तलाशी की कार्रवाई के परिणामस्वरूप दोषी प्रमाणित करने वाले सबूतों के बारे में पता चला है कि विभिन्न फर्जी संस्थाओं का उपयोग फर्जी खरीद / बिक्री बिलों को तैयार करने के लिए किया जा रहा है और अनेक बैंक खातों के माध्यम से बेहिसाब धन की रुटिंग की जा रही है। ऐसी फर्जी संस्थाएं दो महीने के बाद बंद कर दी जाती हैं और नई संस्थाएं बना ली जाती हैं।
इसके अलावा, 300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की बिक्रियों को छुपाने तथा फर्जी खरीदों को लेकर दोषी प्रमाणित करने वाले कागजातों का पता चला है।
तलाशी कार्रवाई से बेहिसाब 14 करोड़ रुपये नकद और 2 करोड़ रुपये मूल्य का बुलियन जब्त किया गया है।
आगे की जांच जारी है।
पी आई बी