औरैया 23 फरवरी। शहर के मोहल्ला ब्रह्म नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के आज तीसरे दिन भागवताचार्य ने ध्रुव एवं भरत चरित्र का वर्णन किया। जिसे सुनकर जहां सैकड़ों की संख्या में मौजूद श्रोता गण भाव विभोर हो उठे तो वहीं संगीतमय भजनों ने उन्हें झूमने पर मजबूर कर दिया।
शहर के मोहल्ला ब्रह्म नगर के बाल सैनिक तिराहे पर चल रही श्रीभद भागवत कथा के आज तीसरा दिन कथावाचक पंडित रामकृष्ण बाजपेई ने ध्रुव चरित्र एवं भरत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि ध्रुव की भक्ति के आगे स्वयं भगवान विष्णु को प्रकट होना पड़ा था। ध्रुव की सौतेली मा सुरुचि ने जब उन्हें राज सिंहासन पर बैठने को ले कर अपमानित किया, तो वह अपने एक पैर पर खड़े होकर भगवान विष्णु की तपस्या में लीन हो गए। उनकी तपस्या से प्रसन्न भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि 36 हजार वर्षों तक धरती पर राज करने के बाद वह उनकी गोद अर्थात् आकाश में ध्रुव तारा बनकर सदा के लिए स्थापित हो जाएंगे और पूरे ब्रह्मांड को प्रकाशमय करते रहेंगे। पंडित श्री रामकृष्ण बाजपेई ने कहा कि सिर्फ भगवान का नाम ही मनुष्य को संकटों से उबारकर मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। भक्त अगर सच्चे मन से ईश्वर की उपासना करता है तो ईश्वर उसकी मनोकामना पूरी करने पर मजबूर हो जाता है। कलयुग में सिर्फ ईश्वर का नाम लेने से मनुष्य के सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। कहा कि भागवत पुराण जैसी धार्मिक कथाएं मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता का प्रवाह करते हुए उसे सत मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। समय निकाल कर कुछ देर तक सच्चे मन से इस कथा का श्रवण करने वाले भक्तों की मनोकामना भगवान जरूर पूरी करते हैं। इसके अलावा भागवताचार्य ने भरत चरित का भी वर्णन किया। इस दौरान कथा प्रांगण में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चे कथा का रसपान करते हो भाव विभोर हो उठे। वही बीच-बीच में संगीतमय भजनों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध होकर झूमने पर मजबूर कर दिया। भागवत कथा के परीक्षित रमेश चंद्र, गिरजा शंकर तथा चंद्र केतु मिश्रा ने आए हुए सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कथा के दौरान आयोजन समिति के रामआसरे बाजपेई, सभासद रामू त्रिवेदी, राधे उपाध्याय, रामबाबू मिश्रा, उपेंद्र मिश्रा, अमित गुप्ता तथा नरेंद्र मिश्रा समेत सभी मोहल्ला वासी उपस्थित रहे।
हैप्पी श्रीवास्तव की रिपोर्ट