निर्देशक को दूसरों को अपनी पूरी क्षमता से काम करने के लिए सशक्त बनाना चाहिए: राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक सुधांशु सरिया

गोवा, 26नवंबर ।अभिनेत्री पूजा भट्ट का कहना है, “सना साबित करती है कि किसी महिला की कहानी सुनाने के लिए आपका महिला होना ज़रूरी नहीं है। समाननुभूति किसी महिला का विशेषाधिकार नहीं है।’’ वह गोवा में 24 नबम्बर को आयोजित 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपनी बात रख रही थीं। उनकी फिल्म सना उन 3 भारतीय फिल्मों में से एक है, जो 54वें इफ्फी में प्रतिष्ठित स्‍वर्ण मयूर के लिए 12 अन्य फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी। इस फिल्‍म की कहानी एक महत्वाकांक्षी महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने घाव के नहीं भरने की वजह से उत्‍पन्‍न हुए आंतरिक टकराव से जूझ रही है। पूजा भट्ट ने कहा कि गर्भपात जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा करना जरूरी है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें अपने लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने के प्रयास करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि इस बात को सराहा जाना चाहिए।

सना का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक सुधांशु सरिया ने किया है। फिल्म निर्माण के प्रति अपने विचार और दृष्टिकोण की विस्तार से चर्चा करते हुए सरिया ने कहा, “मैं एक अनाकार क्षेत्र में और अधिक दाखिल होना चाहता था तथा ईर्ष्या, वर्ग और इच्छा के मामलों में गहराई से उतरना चाहता था। वे चीजें कहीं अधिक प्रबल थीं। यह तीन या चार चीजों का मिश्रण था, यह लोगों के स्वार्थी होने, कार्य स्‍थल पर अनुचित संबंधों और स्वयं की स्वस्थ समझ न होने के बारे में था।” अपनी कार्यशैली के बारे में सरिया ने कहा कि कलाकारों और कर्मचारियों ने तालमेल बिठाकर काम किया। सरिया ने कहा, “किसी निर्देशक का सबसे अच्छा कार्य दूसरों को उनकी पूरी क्षमता से काम करने के लिए सशक्त बनाते हुए खुद को निर्देशित करना है।”

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/24-12-1TRRY.jpg

ब्रीफिंग के लिए उपस्थित अन्य कलाकारों में राधिका मदान और निखिल खुराना शामिल थे, उन्होंने भी फिल्म में काम करने के बारे में अपने अनुभव साझा किए। सना की भूमिका निभाने वाली मुख्य अभिनेत्री राधिका मदान ने इस चरित्र की विभिन्न परतों को समझने के संबंध में अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे यह फिल्म सना को एक ग्रे कैरेक्‍टर के रूप में चित्रित करती है और कैसे कई लोग इस चरित्र से खुद को जोड़ते हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/24-12-2W2VT.jpg

कलाकार और कर्मचारी:

निर्देशक : सुधांशु सरिया

निर्माता: फोर लाइन एंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड

डीओपी: दीप्ति गुप्ता

संपादक: परमिता घोष

कलाकार: राधिका मदान, शिखा तल्सानिया, सोहम शाह, पूजा भट्ट, निखिल खुराना

सारांश:

मुंबई में काम करने वाली 28 वर्षीय वित्तीय सलाहकार सना को जब अपने गर्भवती होने का पता चलता है, तो उसके व्‍यवसायिक जीवन का सबसे बड़ा सप्ताहांत बेहद जटिल हो जाता है। वह अपनी गर्भावस्था समाप्त करने का स्‍पष्‍ट फैसला कर चुकी है, लेकिन गर्भपात कराने की वास्तविक प्रक्रिया सना को अपने जीवन का पुनर्मूल्यांकन करने और इस बारे में गहराई से सोचने के लिए मजबूर करेगी कि क्या वह जो विकल्प चुन रही है वे वास्तव में स्‍वयं उसी के हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/24-12-33AGX.jpg

✨Glimpses from PIB Press Conference🌟📸#IFFI #IFFI54 @MIB_India@IFFIGoa @nfdcindia

(1/n) pic.twitter.com/T8d1SLRhQl— PIB India (@PIB_India) November 24, 2023

पूरी बातचीत यहां देखें:

पी आई बी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *